লাঠি / लाठी-অর্চনা রায়/
ভাষান্তর: বেবী কারফরমা/ ( अनुवाद: बेबी कारफरमा) अर्चना राय “শুনছ, আজকে ছেলে বউকে বলছিল শহরে যে নতুন বাড়িটা তৈরি হচ্ছে সেটাতে ওরা খুব শীঘ্রই চলে যাবে।” “কি আর করা যাবে?” একটা দীর্ঘশ্বাস ফেলে বৃদ্ধ...
View Articleपच्छ्याँण /पहचान [गढ़वाली]
अनुवाद: डॉ कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ मेरू लेख एक बड़ी पत्रिका माँ सम्मान सि प्रकाशित ह्वे। मिन मुग्ध ह्वे कि पत्रिका क वे लेख क पन्ना पर हाथ फेरी , जन क्वी माँ अपड़ा छुटा सि बाळा तैं प्यार दुलार करदि।...
View Articleसंस्कार [संस्कृत]
-अनुवादक:- कुलदीप मैन्दोला सः पिता तं आर्द्रनेत्रेण प्रेक्षमाणः इति अनुभवति स्म । सः शुष्कप्रोञ्छनेन शनैः शनैः स्वस्य रोगीमुखं मार्जयित्वा ततः स्वपत्न्याः आह्वानं कृतवान् यत् “सुनीते! चूर्णपेटिकां...
View Articleसाँचू
अनुवाद: डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ अधिकारी गाड़ी बिटि निकळि तैं अपणा चैम्बरै कि तर्फ बढणू छौ कि अचानक द्वी कदम पीछनै ह्वे क तैं विवेकै कि मेजै तर्फ औंदि औन्दु वेन बोली, “कन! पौंछै यालि फैल मेरि टेबल...
View Articleबखत कै कीमत
अवधी अनुवादः सविता मिश्र ‘अक्षजा’ राघव दफ्तरवा पौने ग्यारह बजे पहुँचेन। हरसुखवा कौ उहाँ पाई के चौंकि पड़ेन । थोड़ क हटि कै पूछेन, “इहाँ कइसे आई धमकय मिस्तरी जी?” “साहिब, आपके घरे गवा रहे। आप उहाँ नाही...
View ArticleSo Far!
Translated from the Original Hindi by– Kanwar Dinesh Singh The news was received on the phone, which made her suddenly upset. The husband asked her anxiously, “Is everything all right?” In a deep...
View Articleکباڑ- سبھاش نیرو/ कबाड़
ترجمہ :راشد امین ندوی بیٹے کو تین کمرے کا فلیٹ ملا تھا، مزدوروں کے ساتھ مزدور بنے کشن بابو سامان کو خوشی خوشی ٹرک سے اتروا رہے تھے، ساری عمر کرایے کے مکان میں گلا دی. کچھ بھی ہو خود تنگی میں رہ کر...
View Articleगंगा-स्नानं[ संस्कृत]
अनुवादक:- कुलदीप मैन्दोला द्वौ युवापुत्रौ मृतौ। दशवर्षपूर्वं पतिः अपि स्वर्गं गतः। धनस्य नाम्ना केवलं सिवनीयन्त्रम् एव अवशिष्टम् आसीत् । सप्ततिवर्षीयः पारो समग्रग्रामस्य वस्त्राणि सिवति स्म । केचिद्...
View Articleमानुष -गन्ध/ मनखी की बास
गढ़वाली अनुवाद: डॉ. कविता भट्ट हवा माँ हळकि सरसराट अर छिबड़ाट सि लगि; ना , यु मातर हवा कु फफराट नि छौ। ये माँ मनखि कि बास मिलीं छै। जु लोग सदानी, घड़ी घड़ी ये का ध्वारा रंदन, वु ये भूली सकदन। बल्कि...
View Articleईश्वर की माफी / देवाकडील क्षमा
मराठी अनुवाद: अन्तरा करवड़े कर्करोगाच्या शेवटच्या टप्प्यावर असलेल्या षष्ठिपूर्ति झालेल्या रुग्णाला बघून तिच्या ह्र्दयात काहूर माजला होता। मनाचे म्हणणे होते कि कर क्षमा, पण तत्क्षण शरीरावर किळसवाण्या...
View Articleचमक-چمک
मूल: नीरज सुधांशु نیرج سدھانشو अनुवाद: राशिद अमीन नदवी ترجمہ : راشد امین ندوی گرمی کا موسم شروع ہو گیا تھا، آندھی بارش کبھی بھی آ سکتی تھی،ریما کو پریشانی تھی اپنی گھر کی چھت صاف کروانے کی، پچھلے...
View Articleटुकड़े-टुकड़े( कत्तर)
गढ़वाली अनुवाद; डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ पूरू तलाक, होणा बाद बि ऊँन अप अपड़ी पैलि जननि कि क्वी बि चीज घौर म नि रैंण दे। वींक पुरणां कपड़ा बि काम वळि तैं दे देंन। जौं फोटु माँ वा छै, उँ का बि कत्तर –...
View Articleबुलावा/ न्यूतू
गढ़वाली अनुवाद :डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ ठक-ठक….! ठक-ठक….! “को च ? द्वार खुल्ला छन ऐ जावा।” “राम राम चन्दा!” “राम राम बाबूजी! तुम इख!” “किलै, मि इख नि ऐ सकदौं क्या?” “ऐ किलै नि सकदाँ! पर इख औंदू...
View Articleगुलाबचा कप
मराठी अनुवाद: अन्तरा करवड़े सकाळच्या वेळेस वृद्ध हीरालाल स्वैंपाकघरात शिरले, तर गुलाबी कप आपल्या जागेवर नव्हता। त्यांनी प्रत्येक ठिकाणी बघितले। पण कप कुठेच नव्हता। नवीन कप तर ठेवले होते, पण त्यांचा...
View Articleअकेला कब तक लड़ेगा जटायु इकुली कब तकैं लड़लु जटायु
गढ़वाली अनुवाद: डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ लगभग चौथा स्टेशन तकैं कम्पार्टमेंट बिटिन सब्बि जातरि उतरि गे छा। रै ग्याँ मि अर बढ़दा जाड्डै वजै सि जरा जरा देर म कौंपदि, डरीं आँख्यूँ वळि वा नौनी।...
View ArticleA Blurred Picture
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh “Come on, have tea,” I said while bringing tea. “Hey! I would have made it. Why did you go through this?” she said, taking a...
View ArticleWhat the Short Story Did
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh Upon hearing the request of his father on the phone, he said, “Papa ji, I would have made the children talk to you, but….”...
View ArticleThe Prescient Crow
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh With a horoscope in hand, he went out to meet Pandey ji. In the courtyard, the crow on the mango tree was cawing loudly. But he...
View Articleআস্তিক-নাস্তিক/ आस्तिक-नास्तिक
পবিত্রা অগ্রবাল; অনুবাদ:বেবী কারফরমা “ঠাকুমা! তুমি ঈশ্বরকে মানো? ডলি জিজ্ঞাসা করল। “এ আবার কেমন প্রশ্ন? আমি রোজ মন্দিরে যাই, পুজোপাঠ করি, তুমি দেখতে পাও না?” “হ্যাঁ দেখি তো………… আচ্ছা ঠাকুমা , মা বলে...
View Articleটেক্কা দেওয়া / মিনু খরে
হিন্দুবাদী নেতা লালা শিবচরণের হত্যার পর ক্রমান্বয়ে হত্যার ফলে সারা শহর ভয়ে কেঁপে উঠেছে। বিষয়টা যখন হিন্দু-মুসলমানের, তখন একে অপরকে টেক্কা দিতে মরিয়া হয়ে উঠেছিল। ওইদিন বিকালে জগন বহুরূপী হনুমান...
View Articleशुद्ध जात/ जाति थाती
गढ़वाली अनुवाद : डॉ. कविता भट्ट सासुजी मीं मूँ रौणौ आँणि छै । औं तैं नहौण धुलौण घुमौण, कपड़ा लत्ता, खाणों सब्बि काम मि पर ही पंण छा ।थोड़ा कठिन लगी । याँका कारण मिन नौकरियांण ढूँढण शुरु कर दे...
View Articleभीतर का सच (भितरौ कु सच)
गढ़वाली अनुवाद:डॉ कविता भट्ट झुग्गी झोपड़ी हटौंण क बाना सरकारी आदेशै की फैल मेज पर रखदि रखदु सचिव न हथ जुडै करिक बोलि-‘‘सर! झुग्गी झोपड़ी म रौण वलौं तैं नोटिस भेजि द्यौं।’’ रामनाथ न खुसी म जोर करिक...
View Articleपॉकेटमार/ जेब कतरू
गढ़वाली अनुवाद:डॉ. कविता भट्ट आवा जजमान, कैकि अस्थि लाईं छन ? औण वळा कि जेब पर नजर डाळि क भौत दया जन्नि आवाज माँ मिट्ठि गिची करिक पंडा न बोलि। पिताजी की ! जजमान न बोलि । अरे–अरे कबारि. . . कथगा बरसू...
View ArticleJasmine
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh Summer vacations. Like every year, my niece has come here for a week with her six-year-old daughter, Udita—fickle, talkative, innocent,...
View Articleपहचान/ चिन्हारी
अवधी अनुवाद:रश्मि विभा त्रिपाठी वा हड़बड़ माँ रहै- वहिका ठीक नौ बजे ‘हिंदी दिवस’ केर उपलच्छ माँ होय वारी बखानमाला माँ हींसा ले खातिन विस्वविद्यालय पहुँचैक रहै। याकै त गड़िया दुइ घंटा अबेरि ते...
View Articleनदी को बचाना है / नदीलाई बचाउनु पर्छ
नेपाली अनुवाद : अनुवाद : किशन पौडेल “अहिले हामी जहाँबाट हिँडिरहेका छौँ, त्यहाँ कुनै समय नदी थियो ।” “साँच्चै?” “र यो बाटो जुन ठुलो मरुभूमिमा गएर मिल्छ के तिमिलाई थाहा छ त्यो के थियो?”...
View Articleडुबकी
छतीसगढ़ी में अनुवाद ; दीपाली ठाकुर ओखर झुर्राये मुख थोकिन चमके लगिस। अपन आगू के बर्थ म बइठे यात्री ल अंगरी देखावत ओखर आँखी म झाँकत कहिस, “छमा करिहव, मैं ह गलती नई करत हंव त तुँहर नाम राधाकिसन हवय!”...
View Articleजन्नत में संवाद/ जन्नत माँ बात
गढवाळि अनुवाद: डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ “मि तैं जन्नत म सबसे बडू बंगला अर एक दर्जन हूर मिलीं चैंदिनI” “किलै?” :मि 72 काफ़िरू तैं मारिक आयूँ छौं। मिन काफिरू तैं मान्न्नौ तैं अपणि जान क़ुर्बान करि।...
View Articleअपराधी
सस्कृत अनुवाद; कुलदीप मैंदोला सः स्मित: सन् उच्चै: हसन्, अन्यान् हासयति स्म । यः तस्य समीपम् आगतः, सः क्षणद्वयस्य सुखं हरति स्म। एकदा कश्चित् उक्तवान् – सः विदूषकः अस्ति। सः एतत् सर्वं स्वं परितः...
View Articleਹੈੱਡ ਐਂਡ ਟੇਲ/ਸੁਕੇਸ਼ ਸਾਹਨੀ
पंजाबी अनुवाद: श्याम सुन्दर अग्रवाल ਅਸੀਂ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਲ ਉੱਛਲ ਪਏ। ਟਾਸ ਸਾਡੇ ਪੱਖ ਵਿੱਚ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਹੁਣ ਉਹਨਾਂ ਦੋਹਾਂ ਰਸਤਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਅਸੀਂ ਕੋਈ ਵੀ ਚੁਣ ਸਕਦੇ ਸੀ। ਪਹਿਲਾ ਰਸਤਾ ਊਬੜ-ਖਾਬੜ ਸੀ ਤੇ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚੋਂ ਜਾਂਦਾ ਸੀ। ਉਸ ਉੱਤੇ...
View ArticleEvaluation
Translated from the Original Hindi by Kanwar Dinesh Singh “Papa, where are you going so early this morning?” Pinky asked her father, who was an officer. “Mehra Babu in our office, you know him? His...
View Articleचश्मे का नम्बर/ चश्मा कु नम्बर
गढ़वालीः अनुवाद: डॉ. कविता भट्ट मंदिरै सीढ़ियों बिटि उतरदि बगत खुट्टा भौं कखि पड़ी गेन अचानक दादी कु चश्मा सीढ़ियों का काख परैं गंदी नाळी माँ पड़ी गे । तबारि नीस खड़ा सफाईकर्मी न तुरंत नाळी माँ हाथ...
View Articleमौत: एक सच
गढ़वाली अनुवाद;डॉ कविता भट्ट री बगत वु सचमुचि मोरी गेन। मौत खुणि सचमुचि बुन्न सच्ची भौत अजीब लगदु। मनखि क्य बार-बार मुर्दु…? सैत ना, पर वु कै बगत म्वरिन। पहली बगत तब जब भौत सारा लोखु क समणी पीड़ा कि...
View Articleवे अभी भी माँग रहे हैं/ वु अब्बि बि मंगणा छन
गढ़वाली अनुवाद:डॉ. कविता भट्ट “यहार, ब्याळि कृष्णानगर कॉलोनी म घपरोळ किलै मच्यूँ छौ।” “मिळाखै वजै सि। दुर्गापूजा कि मिळाख।” “ह्वे क्य छौ?” “सैर म सौवों दुर्गापूजा समिति छन। उं ई मन आठ-दस समित्यों का...
View ArticleDifference
Translated from the Original Hindi byKanwar Dinesh Singh That day, he wished to see the boundary between India and Pakistan which once was one country―how does it feel to be two now? They were two;...
View Articleघर/ Home
Translated from the Original Hindi byKanwar Dinesh Singh It had been two weeks since Lata came as a bride to this house. She was very beautiful, but her decency and soft-spoken nature won everyone’s...
View Articleखूबसूरती/ रूप
अनुवादकःडॉ. कविता भट्ट ऑपरेशन थियेटर माँ डॉक्टरै की बाच कंदूडू माँ पोड़ी त काजल न अन्क्वे कै कि आँखा खोलिन। डॉक्टरा का हाथ वीं का पेट पर छा। वा टाँका लगाणी छै। दगड़ा दगड़ी सेविका थैं कुछ समझाण अर...
View Articleगौरैया का घर/घिंडूड़ी कु घौर
अनुवादकःडॉ. कविता भट्ट सृष्टि अपर्टमेंट्स की 9 वीं मंज़िलै कि बाल्कनी म खड़ा छुट्टा सि नीटू न मानसी थैं पूछी-“माँ घिन्डुड़ी कन हूँदी?” मानसी न बतायी ” घिन्डुड़ी एक पोथली हूँदी।” “माँ घिन्डुड़ी कख...
View Articleलड़ाई / लड़ै
अनुवादकःडॉ. कविता भट्ट ससुरा क नौं आयूं तार ब्वारी न ली क पौड़ी दे। तार बतलान्दू कि ऊंकू फौजी बाँका बहादुरी से लड़ी अर लड़दी बगत मोरी ग्याई … देसौ खुणी सईद ह्वे ग्याई। “सुख त छैं चा ना ब्वारी!” वीं का...
View Articleटाटा अंकिल
अनुवादक (अवधी)- सविता मिश्रा ‘अक्षजा’ बसिया जैसन्है अगवा कौ बढ़ी, पाछे से चढ़ी मेहरारु जोरि जोरि से चिखय-चिल्लाय लाग। “अय रोका रोका…बसवा के रोका…म्होरी बिटिया तौ निचवे रहि गइ, चढ़िन न पायेस…” बस ठसाठस...
View Articleसाकि दर साकि
गढ़वाली अनुवाद : डॉ. कविता भट्ट वे का बुबा न वे थैं पढ़ाई नि छौ। वेन सोचि—मिन अपड़ा बच्चों थैं जरूर पढ़ाण। वेन अपड़ा बच्चा थैं स्कूल म दाखिलु दिलाई। एक दिन बच्चा न किताबु की माँग कैरि। दूसरा दिन बच्चा...
View Articleबिसेस आपा वास्ता
गढ़वाली अनुवाद : डॉ. कविता भट्ट गरम-गरम गुजिया एक सुंदर प्लेट म सजै क मेज़ माँ धारीं छैं । वा अपड़ा मुबैल न अलग – अलग एंगल बिटिक वीं गुजियन सजीं प्लेट कि फ़ोटू खैंचणी छै , पर वीं का मनौ कु फ़ोटू नि...
View Articleअनमोल खजानू
गढ़वाली अनुवाद : डॉ. कविता भट्ट अपड़ी अलमारी का लॉकर पेट रखीं क्वी चीज जब घौरवळी थैं नि मिल्दी त वा लॉकर कु सैरू सामान भैर निकाळी देंदी। ये सामान म एक छुटि-सी चाँदी की डब्बि बि रैंदी। सुंदर अर कलाकारी...
View Articleमुआयना/ /ਮੁਆਇਨਾ
ਅਨੁਵਾਦਕ : ਸ਼ਿਆਮ ਸੁੰਦਰ ਅਗਰਵਾਲ —ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਹੋ ਇੰਚਾਰਜ। ਇਹ ਕਾਲੀਆਂ ਕਾਲੀਆਂ ਬੈਟਰੀਆਂ ਕਮਰੇ ’ਚ ਪਈਆਂ ਕਿੰਨੀਆਂ ਭੈੜੀਆਂ ਲੱਗ ਰਹੀਆਂ ਨੇ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਖਿੜਕੀ ਕੋਲ ਰਖਵਾਓ। —ਚੋਰੀ ਹੋਣ ਦਾ ਡਰ ਹੈ ਸਾਬ੍ਹ। —ਹੂੰ ਚੋਰੀ ਹੋਣ ਦਾ ਡਰ...
View Articleब्रेकिंग न्यूज
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट “साहब यु त मोरी ग्याई। बुरी तरौं फुके ग्याई सरील अर कार बि बिल्कुल अंगारू ही ह्वईं च। बणांग ई लगी होली।” कॉन्सेटबल रामलाल न अपड़ा इंसपैक्टर साब माँ हताश ह्वेकि बोली।...
View Articleबदलू
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट ‘‘देख! तू हर बात परैं ज़िद नि किया कर। जु काम कन्न कु होन्दु, वे तू करदि नि छैं।’’ उमा न रचना थैं खिजे कि बोलि। ‘‘करदु त छौं सैरू काम। सब्जी बणाण खुंणि टमाटर नि ल्है छौ।...
View Articleगरमी
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट “पैंतीस बरसै नौकरी क बाद बि न क्वी क़द्र च न क्वी इज्ज़त। यु बि साले क्वी ज्यूण च? याँ से अच्छु त मौत इ ऐ जाउ, सरु मुंडरू इ ख़त्म ह्वे जाउ।” अपडू स्कूटर पाळ पर चिबटै कि...
View Articleदुबरा तैयारी
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट भितर बिटि जोर-जोर करि हैंसणै आवाजै गुंजणि छै, हैंसण कि दगड़ चाय-पकोड़ों क खुसबू बि औणि छै; जब एक घैक, मीनती अर करीब अधेड़ उमरै कि जननि लम्बू इंटरव्यू दीक ए-सी वळा कमरा...
View Articleडाका
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट बरात द्वार तकैं पौंछी ई छै की नौना का भाय्यों न पटाखा फ्वड़ सुरु करि देन। तीस–तीस रूप्या का एक–एक एटम बम……धाय…..धाँय। नसा म धुत्त बरतियों का तेवर देखिक नौनी का बुबा...
View Articleकबाड़
गढ़वाली अनुवादः डॉ. कविता भट्ट नौना थैं तीन कमरों कु फ्लैट मिली छौ। मजदूरु क दगड़ा मजदूर बण्यां किशन बाबू खुशी-खुशी सामान थैं ट्रक बिटि उतरौंणा छा। सैडी उम्र किराया क मकानूू म गळै यालि छै। कुछ बि हो,...
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